बमण गांव में 9 दिवसीय पांडव महायज्ञ विधि-विधान के साथ संपन्न

बमण गांव में 9 दिवसीय पांडव महायज्ञ विधि-विधान के साथ संपन्न
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बमण गांव में संपन्न हुआ पांडव महायज्ञ, दूर-दराज से पहुंचे ग्रामीण और श्रद्धालु

टिहरी गढ़वाल 10 नवम्बर 2024 । क्वीली पट्टी के मणगांव न्याय पंचायत के अंतर्गत बमण गांव में आयोजित 9 दिवसीय पांडव महायज्ञ का विधिवत पूजा-अर्चना के साथ समापन हो गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में बमण गांव और आस-पास के गांवों से लौटे प्रवासी ग्रामीण एवं अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहे।

पांडव महायज्ञ: आस्था, परंपरा और एकता का संगम

घंटाकर्ण धाम क्वाली डांडा के मीडिया प्रभारी और मंडाण समिति के कोषाध्यक्ष नरेंद्र बिजल्वाण ने जानकारी दी कि हर चौथे वर्ष आयोजित होने वाले इस पौराणिक पांडव महायज्ञ में क्षेत्रीय निवासियों की गहरी आस्था और विश्वास का नजारा देखने को मिला। उत्तराखंड से बाहर रह रहे, रोजी-रोटी की तलाश में प्रवास कर चुके युवा और शादीशुदा महिलाएं (ध्याणते) भी अपने मूल गांव लौटे और श्रद्धा के साथ महायज्ञ में सम्मिलित हुए। वर्षों बाद अपने गांव लौटे लोगों ने पुराने रिश्तों और अपने बचपन की यादें ताजा कीं, जिससे सभी के चेहरों पर एक अनोखी खुशी दिखाई दी।

महायज्ञ में आने वाले कई प्रवासियों ने गांव में अपने लिए आवासीय व्यवस्था बनाने का विचार भी किया, जिससे वे भविष्य में आसानी से आ-जा सकें। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से इस पौराणिक आयोजन की जानकारी मिलने के बाद उनकी इसमें सम्मिलित होने की इच्छा जागृत हुई, जिससे कार्यक्रम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली।

घंटाकर्ण मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष ने की भविष्य की योजनाओं पर चर्चा

घंटाकर्ण मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय प्रकाश बिजल्वाण ने बताया कि भविष्य में इस आयोजन को और भव्य बनाने के लिए प्रवासियों की रात्री विश्राम और भोजन की व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। इसके अलावा, सभी घंटाकर्ण मंदिरों को इस आयोजन में शामिल करने का भी प्रयास किया जाएगा।

पांडव महायज्ञ में पंडों के स्वर्गारोहण पर्व की कथा से भावविभोर हुए श्रद्धालु

पंडित मनोहरी लाल बिजल्वाण ने पांडवों के स्वर्गारोहण पर्व की कथा सुनाई, जिसमें उन्होंने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस कथा के दौरान कई श्रद्धालुओं की आंखें भावुकता से छलक उठीं।

महायज्ञ के समापन अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों के साथ-साथ दूर-दराज से आए श्रद्धालु और पौराणिक स्थल पर देव मंडाण प्रेमी भी भारी संख्या में उपस्थित रहे। ढोल-दमाऊ की थाप और जागर/छंद पर धामी कालिदास, हुक्म दास, भगत दास द्वारा देवताओं का आह्वान किया गया।

इस आयोजन में शोभा राम बिजल्वाण, पीताम्बर दत्त, हर्षमणि, दर्शन लाल बिजल्वाण, विनोद बिजल्वाण, विजय प्रकाश बिजल्वाण, जितेंद्र सजवाण, दिनेश बिजल्वाण (प्रधान बमण गांव), ईश्वरी प्रसाद बिजल्वाण (पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख), दीपक बिजल्वाण, शक्ति प्रसाद बिजल्वाण, नरेंद्र बिजल्वाण, बजरंग बिजल्वाण, राधि राम सेमलटी, पूर्ण सिंह राणा, अनिल किशोर बिजल्वाण, बीर सिंह रावत, भास्करानंद, सत्य सिंह राणा सहित कई अन्य श्रद्धालु शामिल हुए।

इस पांडव महायज्ञ ने पौराणिक धरोहर को संरक्षित करने के साथ-साथ आपसी प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। समिति ने हर एक श्रद्धालु का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी की सहभागिता से यह कार्यक्रम भव्य और दिव्य रूप में संपन्न हुआ।


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Govind Pundir

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