विकसित भारत@2047 पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

यमकेश्वर/हरिद्वार, 19 दिसंबर 2025। महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय बिथ्याणी (यमकेश्वर, पौड़ी गढ़वाल), राजकीय मॉडल महाविद्यालय मीठीबेरी (हरिद्वार) एवं राजकीय महाविद्यालय वेदीखाल के संयुक्त तत्वावधान में ‘विकसित भारत@2047: एक संकल्प – भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति, समाज, ज्ञान व विज्ञान के संदर्भ में’ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हाइब्रिड मोड में प्रथम दिवस शनिवार को संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ बिथ्याणी, मीठीबेरी एवं वेदीखाल महाविद्यालयों के प्राचार्यों प्रो. योगेश शर्मा, प्रो. अर्चना गौतम एवं प्रो. वंदना तिवारी ने मां सरस्वती के दीप प्रज्वलन से किया। मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. विश्वनाथ खाली, संयुक्त निदेशक प्रो. आनंद सिंह उनियाल एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. शैलेंद्र ने संगोष्ठी को संबोधित किया।प्रथम सत्र: भारतीय ग्राम ज्ञान परंपरा पर चर्चा
संयोजक व इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश त्यागी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत कर अतिथियों का स्वागत किया। इस सत्र में राष्ट्रीय संगठन सचिव अखिल भारतीय इतिहास संग्रहालय डॉ. बालमुकुंद पांडे, लकुलिश विश्वविद्यालय (अहमदाबाद) कुलपति प्रो. विवेक महेश्वरी, केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतीहारी के डॉ. नरेंद्र सिंह, डॉ. मोहन चंद्रा रे दोसा पानी, डॉ. परमजीत कौर (खालसा कॉलेज, रूपनगर, पंजाब) ने भारतीय ग्राम ज्ञान परंपरा पर विचार रखे। प्राचार्य प्रो. वंदना तिवारी ने धन्यवाद दिया।द्वितीय सत्र: राजनीति व समाज पर विमर्श
मेरठ कॉलेज के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. विग्नेश कुमार, प्राचार्य प्रो. ज्ञानोबा ढगे (कर्मवीर गणपत महाविद्यालय, नासिक), डॉ. श्वेता कौशल (खालसा कॉलेज, पंजाब), डॉ. सुशील भाटी (लक्सर महाविद्यालय) एवं डॉ. नागेंद्र पाल (राजकीय महाविद्यालय कांडा) ने अपने विचार साझा किए। आयोजन सचिव डॉ. कुलदीप चौधरी (मीठीबेरी) ने आभार व्यक्त किया।
एसडीएसयूवी ऋषिकेश की विभागाध्यक्ष प्रो. संगीता मिश्रा, केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतीहारी के प्रो. सुनील, डॉ. सीमा त्यागी (राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर), डॉ. नीरज कुमार पाराशरी (राजकीय महाविद्यालय फरीदपुर आंवला) एवं डॉ. जगदीश कुमार (एमएम कॉलेज, खेकड़ा, बागपत) ने 2047 तक विकसित भारत के संकल्प पर चर्चा की। विभिन्न शोधार्थियों ने भारतीय ज्ञान परंपरा पर शोध पत्र पढ़े। आयोजन सचिव डॉ. अनुपम त्यागी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।द्वितीय दिवस के सत्र कल आयोजित होंगे। संगोष्ठी ने विकास के संकल्प को मजबूत करने पर बल दिया।



