जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की पीएम मोदी के साथ वार्ता आज
जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की पीएम मोदी के साथ वार्ता आज
जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल व उच्च स्तरीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल दो दिवसीय भारतीय दौरे पर
आज शुक्रवार को पांचवें द्विवार्षिक अंतर सरकारी परामर्श (आईजीसी) (Inter Governmental Consultations – IGC) के अवसर पर जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल एक नवंबर को भारत में हैं। चांसलर 12 मंत्रालयों के कई मंत्रियों और संघीय सरकार के राज्य सचिवों के साथ उच्च स्तरीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल के साथ हैं।
इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान चांसलर एंजेला मर्केल और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आर्थिक साझेदारी को तेज करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए दोनों देशों के व्यापारिक प्रतिनिधिओं से मुलाकात करेंगे। सूत्रों ने कहा कि भारत और जर्मनी से मैर्केल की यात्रा के दौरान व्यापक क्षेत्रों में 20 समझौतों पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है।
मार्केल 12 मंत्रालयों के प्रतिनिधिमंडल के साथ दो दिवसीय भारतीय दौरे इस दौरान मंत्रालयों के प्रतिनिधियों की अपने भारतीय समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करना प्रस्ताव में है।
दौरे के प्रमुख कार्यक्रम
- भारतीय नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता
- आईजीसी में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल की आपसी वार्ता
- सामाजिक क्षेत्र में अहम कार्य करने वाली भारतीय महिला व्यक्तित्वों (जिनके वकील, ब्लॉगर और स्टार्ट अप) से भी मर्केल बातचीत करेंगी ।
- गुड़गांव और एक मेट्रो स्टेशन में एक जर्मन कंपनी का दौरा
आईजीसी के दौरान दोनों पक्ष शहरी परिवहन, कौशल विकास ऊर्जा, कृषि और फुटबॉल जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में सहयोग पर गहन चर्चा करेंगे और साथ ही शहरी हरित परिवहन (ग्रीन ट्रांसपोर्ट सिस्टम) योजना और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं तलाशेंगे। आईजीसी प्रारूप के तहत, दोनों देशों के समकक्ष मंत्री अपने-अपने क्षेत्र में जिम्मेदारी के संबंध में चर्चा करेंगे और चर्चाओं का परिणाम मोदी और मर्केल द्वारा सह-अध्यक्षता आईजीसी में बताया जाएगा
भारत-जर्मनी के बीच व्यापारिक भागीदारी
जर्मनी यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार देश है। 2018-19 में, भारत का निर्यात जर्मनी को $8.9 बिलियन का था और आयात $15.16 बिलियन का था। जर्मनी भारत में सातवां सबसे बड़ा विदेशी प्रत्यक्ष निवेशक (एफडीआई) है। अप्रैल 2000 से जून 2018 तक जर्मनी से भारत में कुल एफडीआई $10.99 बिलियन था।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में 1,700 से अधिक जर्मन कंपनियां सक्रिय हैं और 600 से अधिक इंडो-जर्मन संयुक्त उपक्रम चल रहे हैं। भारत में जर्मन निवेश मुख्य रूप से परिवहन, बिजली के उपकरण, धातुकर्म उद्योग, बीमा सेवा क्षेत्र, रसायन, निर्माण गतिविधि, व्यापार और ऑटोमोबाइल के क्षेत्रों में हैं।
भारतीय कॉर्पोरेट्स ने भी जर्मनी में 7 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है। आईटी, ऑटोमोटिव, फार्मास्यूटिकल्स और बायोटेक जैसे क्षेत्रों में लगभग 200 भारतीय कंपनियां जर्मनी में हैं।