राष्ट्रीय बालिका दिवस: लिंगानुपात संतुलित करने पर दिया जोर
गढ़ निनाद समाचार 24 जनवरी 2020
चमोली: राष्ट्रीय बालिका दिवस पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के तत्वाधान में बेटी बचाओ बेटी पढाओ सामाजिक चेतना अभियान के तहत राइका गोपेश्वर में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान बेटा बेटी के भेदभाव को मिटाकर कन्याभ्रूण हत्या रोकने, बेटियों के संरक्षण, संवर्धन करते हुए बाल लिंगानुपात को संतुलित करने के प्रति लोगों को जागरूक किया गया। छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक की प्रस्तुति दी।
जनपद के विकासखण्डों में भी छात्राओं ने मेंहदी, चित्रकला, कविता, गायन, भाषण आदि प्रतियोगिता में बढ चढकर प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के दौरान विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया।
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जीआईसी गोपेश्वर में मुख्य अतिथि प्रभारी जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, दहेज़ हत्या को रोकने, बेटियों को बेटों के बराबर हक देने तथा बेटियों को पढाने व आगे बढाने की अपील की।
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर धर्म गुरूओं ने भी अपने विचार रखे। हिन्दू धर्मगुरू देवी प्रसाद, मुस्लिम धर्मगुरू ख़ालिद भाई, ईसाई धर्मगुरू फ़ादर जोसेफ ने समाज में बालिकाओं के महत्व के बारे में अहम जानकारियों दी। इस दौरान एसडीएम बुशरा अंसारी, दशोली ब्लाक प्रमुख विनीता देवी, नगर पंचायत अध्यक्ष हिमानी वैष्णव, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष प्रभा रावत आदि ने भी बेटियों के सरंक्षण पर जोर देते हुए अपने विचार व्यक्त किए।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की पहल पर जनपद के 15 अति-कुपोषित बच्चों को जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय बालिका दिवस पर गोद भी लिया गया। जिलाधिकारी ने स्वयं दशोली ब्लाक के आंगनबाडी केन्द्र देवरखडोरा के अति कुपोषित बालक अमित तथा मुख्य विकास अधिकारी ने बछेर की अति कुपोषित बालिका स्नेहा को गोद लिया।
इस अवसर पर दस ऐसे परिवारों को भी सम्मानित किया गया जिनके घर में एक या एक से अधिक बालिकाएं है। वही इस अवसर पर राष्ट्रीय ताइक्वांडों प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर जिले का नाम रोशन करने वाली बालिका सानिया गौड, हुजैफा नाज, मोहनल तथा अस्था नेगी को भी सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर आयोजित कार्यक्रम में जिला स्तरीय अधिकारी, गणमान्य नागरिक तथा भारी संख्या स्थानीय स्कूलों के छात्र-छात्राएं मौजूद थी।