मोस्ट वांटेड ईनामी बदमाश पहलवान को दून पुलिस ने किया गिरफ्तार
हरियाणा और दिल्ली में अनिल लीला पहलवान को दून पुलिस ने किया गिरफ्तार
- 2018 में पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद हो गया था फरार
- एक साल से देहरादून के दून विहार में पहचान छिपाकर परिवार संग रह रहा था बदमाश
गढ़ निनाद समाचार 8 फरवरी 2020
देहरादून/नई टिहरी: आखिरकार ईनामी बदमाश अनिल लीला पहलवान को साल भर बाद ही सही दून पुलिस ने गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। वह एक साल से देहरादून के दून विहार इलाके में पहचान छिपाकर रह रहा था। उसके पास कार के अलावा 32 बोर का पिस्टल बरामद हुआ है। वेटलिफ्टिंग में नेशनल खिलाड़ी रहे अनिल के खिलाफ पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या के अलावा कई संगीन अपराध दर्ज हैं। वह 2018 में पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद फरार हो गया था।
बहादुरगढ़ के नूना माजरा निवासी है अनिल पहलवान उर्फ अनिल गंजा
हरियाणा में अनिल पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। कई दिन के आपरेशन के बाद दून पुलिस उसे गिरफ्तार करने में कामयाब रही। वर्ष 2018 में दिल्ली से पैरोल पर आकर फरार हो गया था तथा फरार होकर अपनी पत्नी व बच्चे के साथ देहरादून आ गया था व दून विहार जाखन देहरादून मे किराये के मकान मे अपनी पहचान छुपाकर अपनी पत्नी व बेटी के साथ रह रहा था।
पुलिस ने इलाके में ठेली लगाकर की थी रेकी
डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि गढ़वाल रेंज के आईजी अजय रौतेला को मिले इनपुट के आधार पर एसपी देहात प्रमेन्द्र डोभाल की अगुवाई में टीम गठित कर राजपुर इलाके में सादी वर्दी में पुलिसकर्मी तैनात किए गए। सिलेंडर के अलावा ठेली लगाकर पुलिस कर्मियों ने अनिल के बारे में जानकारी जुटाई। यह भी पता चला कि अनिल की पत्नी देहरादून की है। वह 2014 में तिहाड़ जेल में भी अनिल से मिलने गई थी। उसी आधार पर पत्नी का फोटो आदि जुटाया गया। पत्नी की गुपचुप रेकी कर पुलिस अनिल के ठिकाने तक पहुंच गई।
दून विहार में मकान नंबर 259 से किया गिरफ्तार
डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि शातिर अपराधी अनिल पहलवान के फ़ायरिंग करने की आशंका के चलते पहले दून विहार के इलाके को सील करने के साथ बुलेट प्रूफ जाकेट के साथ पुलिस कर्मियों को आवास के दोनों तरफ लगाया गया। बृहस्पतिवार रात दून विहार में मकान नंबर 259 से आरोपी अनिल को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से 32 बोर की पिस्टल के साथ कार भी बरामद हुई। उसे नेहरू कालोनी थाने लाकर पूछताछ की गई। पता चला कि अनिल पहलवान करीब एक साल से दून विहार में कमरा किराए पर लेकर रह रहा था।
2011 में पहली बार लूटी थी कार
अनिल पहलवान ने बीच में पढ़ाई छोड़कर रिश्ते के भाई बबलू के साथ नागल में जिम खोला था। बबलू ने अपनी पत्नी के ब्वायफ्रेंड का कत्ल कर दिया था। बबलू के पीछे-पीछे अनिल भी अपराध की राह पर चल पड़ा। उसने 2011 में पहली बार कार लूट की थी। 2011 में ही अनिल ने आनंद कालेज के एक छात्र का अपहरण कर एक करोड़ की फिरौती वसूली थी। बहादुर गढ़ के एक प्रोफेसर की रिहाई के बदले भी 20 लाख रुपये वसूले थे। अनिल के साथी मनोज मोरखेड़ी के मौसी के लड़के को इंस्पेक्टर रामकिशन दहिया ने एनकाउंटर में मार दिया था। अनिल और मनोज ने 2013 में रोहतक सिटी में इंस्पेक्टर रामकिशन दहिया की हत्या कर एनकाउंटर का बदला लिया था।
2014 में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने पकड़ा था
सरपंच के अलावा रेलवे कर्मचारी सतीश उर्फ काना की हत्या में भी उसका हाथ रहा है। 2014 में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने आरोपी को पकड़ा था। 2017 में पैरोल पर बाहर आया तो एक डिस्को क्लब के संचालक से 50 लाख की रंगदारी मांगी थी। 2018 के अंत में अनिल पहलवान दोबारा पैरोल पर बाहर आया था और तब से फरार चल रहा था। दुस्साहिसक घटनाओं के चलते दिल्ली पुलिस ने अनिल और इसके गैंग के सदस्यों को मकोका में भी निरुद्ध किया था।
एक लाख जा था ईनाम
आईजी अजय रौतेला ने एक लाख रुपये के इनामी अनिल पहलवान को गिरफ्तार करने वाली टीम में शामिल रहे एसपी देहात प्रमेन्द्र डोभाल, एसपी सिटी श्वेता चौबे, सीओ विकास नगर भूपेन्द्र सिंह धोनी, आई जी आफिस में तैनात उप निरीक्षक मोहम्मद यासीन, इंस्पेक्टर यशपाल बिष्ट, एसओजी प्रभारी ऐश्वर्य पाल, एसओ नेहरू कालोनी दिलबर नेगी, उप निरीक्षक आशीष रावत, एसओजी के मोहन, देवेन्द्र ममगांई, ललित, अमित, देवेन्द्र, विपिन, अभिषेक आदि को पांच हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की तथा पूरी टीम को बधाई दी।