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देवप्रयाग महाविद्यालय में सुविधा भोगी प्राध्यापकों की कक्षाओं का होगा बहिष्कार

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टिहरी गढ़वाल 29 सितंबर 2024। महाविद्यालय देवप्रयाग के छात्रसंघ ने उत्तराखंड सरकार के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही प्राध्यापकों की नियुक्तियों के संदर्भ में गहरी असंतोष जाहिर की है। छात्रसंघ अध्यक्ष गौरव रावत व छात्रों की ओर से जारी ज्ञापन में नवनियुक्त प्राध्यापकों के सुविधाजनक स्थान पर नियुक्ति के प्रति बढ़ती मांग पर सवाल उठाए गए हैं।

ज्ञापन के अनुसार, वर्तमान में लोक सेवा आयोग से चयनित प्राध्यापकों को राजकीय महाविद्यालयों में नियुक्ति पत्र दिए जा रहे हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश प्राध्यापक कुछ समय बाद ही देहरादून के निकटवर्ती स्थानों पर अपना अटैचमेंट करवा रहे हैं।

छात्रसंघ का कहना है कि उत्तराखंड सरकार का उच्च शिक्षा को पर्वतीय और दुर्गम क्षेत्रों में सुधारने का दावा केवल कागजों पर सिमटता नजर आ रहा है। देवप्रयाग जैसे दुर्गम महाविद्यालय में प्राध्यापक अपनी अटैचमेंट करवा कर देहरादून में बने रहना चाहते हैं, जिससे वहां के छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अधिकतर प्राध्यापक ओरियंटेशन कोर्स, रिफ्रेशर कोर्स, कार्यशालाएं, या बाल्य देखभाल अवकाश में रहते हैं, जिसके कारण नियमित अध्यापन बाधित होता है।

छात्रसंघ ने स्पष्ट किया है कि यदि नवनियुक्त प्राध्यापक महाविद्यालय में आने के बाद केवल कुछ दिन ही कक्षाओं में पढ़ाने के लिए आते हैं, तो छात्र उनका कड़ा विरोध करेंगे और उनकी कक्षाओं का बहिष्कार करेंगे। छात्र हितों से खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस विरोध को व्यापक स्तर पर ले जाने की चेतावनी भी दी गई है।

ज्ञापन में कहा गया है कि शिक्षा को केवल सुविधाभोग और रोजगार का माध्यम मानने वालों के खिलाफ छात्र आंदोलन छेड़ा जाएगा। छात्रसंघ ने उच्च शिक्षा विभाग से अपील की है कि वे दुर्गम क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए कड़े कदम उठाएं और सुविधाभोगी प्राध्यापकों की मांगों के आगे न झुकें।


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