टिहरी की संघर्ष यात्रा-5 बांध का काम ठप, हरिद्वार से पहुंचे संत

विक्रम बिष्ट
गढ़ निनाद समाचार* 7 अक्टूबर 2020
नई टिहरी।
पुनर्वास की मांग को लेकर ग्रामीणों ने बांध का काम 7 दिन से रोक रखा था। इस दौरान 6 अप्रैल को हरिद्वार से कांग्रेस की पहल पर संतों का 13 सदस्यीय दल टिहरी पहुंचा। विस्थापितों के समानान्तर कांग्रेस के धरना स्थल पर पहुंचकर संतो ने विस्थापितों का मुद्दा प्रधानमंत्री और उत्तरांचल के मुख्यमंत्री के सामने उठाने की बात कही।
टिहरी बांध के व्यू पॉइंट पर बांध का निरीक्षण करने के बाद संतों ने पत्रकारों से बातचीत में विहिप को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि टिहरी बांध का निर्माण राष्ट्र एवं उत्तरांचल के हित में है। पूरे देश के संत इसके पक्ष में हैं। गंगा की पवित्रता के बारे में कहा गया कि इसका पानी कभी अशुद्ध नहीं हो सकता है।
एक संत ने कहा कि गंगा की एक बूंद भी नदी को पवित्र कर देती है। इसको परियोजना अधिकारियों ने आस्वस्थ किया है कि गंगा की एक अविरल धारा के लिए उपाय किए गए हैं। ब्रह्मचारी ब्रह्म स्वरूप स्वामी हंस दास आदि इस प्रतिनिधि मंडल में शामिल थे।