पटवारी, लेखपाल नायब तहसीलदार की भांति मिनिस्ट्रियल कर्मियों को भी मिले प्रोत्साहन राशि
घनसाली से लोकेंद्र जोशी की रिपोर्ट।
मुख्यमंत्री द्वारा जनपद एवं तहसील स्तर पर, पटवारी, लेखपाल, राजस्व निरीक्षकों एवं नायब तहसीलदार को कोविड-19 कार्यों के सफल निर्वाहन हेतु, प्रशस्ति पत्र देकर दस हजार रुपये की धनराशि दिए जाने की घोषणा को जहां स्वागत योग्य माना जा रहा है, वहीं राजस्व विभाग में कार्यरत मिनिस्ट्रियल कर्मियों में निराशा है।
मिनिस्ट्रियल कर्मियों ने माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को ज्ञापन भेज कर सरकार से अनुरोध किया कि, पटवारी से नायब तहसीलदार तक को दी गई प्रोत्साहन राशि की भांति मिनिस्ट्रियल कर्मियों को भी प्रशस्ति पत्र के अलावा नगद धनराशि दी जाय।
मिनिस्ट्रीयल कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री केशव गैरोला ने कहा कि, ने कहा कि, भूलेख कर्मियों की भांति मिनिस्ट्रियल कर्मियों के द्वारा भी कोविड-19 में कार्यों में रात दिन एक कर महामारी से निपटने में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान किया। जिसके फलस्वरूप कतिपय कर्मचारियों को जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी के माध्यम से प्रशस्ति पत्र भी दे कर सम्मानित भी किया गया है। किंतु इसके बावजूद भी ऐसे मिनिस्ट्रियल कर्मियों जिनके द्वारा कोविड-19 कार्यों का निर्वहन किया गया है उन्हे माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा प्रदत्त प्रोत्साहन धनराशि से वंचित रखा जाने से, मिनिस्ट्रीयल तथा अन्य ऐसे कर्मिक जिनके द्वारा कोविड-19 कार्यों का निर्वहन किया गया है की उपेक्षा किए जाने से भारी निराशा व्याप्त है।
मिनिस्ट्रियल संघ के प्रांतीय मंत्री गैरोला ने कहा कि कोविड कर्फ्यू के दौरान जन सामान्य की आवश्यक सुविधा, विभिन्न प्रयोजन हेतु पास निर्गत करना, वाहनों के आवागमन और उनके गंतव्य तक पहुंचने की समुचित व्यवस्था करना, कंटेन्मेंट जोन तक कर्मियों की तैनाती की व्यवस्था, राशन प्राप्ति वितरण, सेनिटाइजर बाँटना, वाहनों की व्यवस्था, कंट्रोल रूम का संचालन, सूचनाओं का आदान प्रदान करना आदि समुचित व्यवस्था और देश विदेश तक लोगों के आने जाने की व्यवस्था करना, जब तक कोई उचित व्यवस्था न हो तब तक प्रशासन और भारी से भारी जनसमूह का आपस में संन्जस्या बनाए रखना,आदि कार्य जिम्मेदारी पूर्वक विभिन्न तहसील स्तर पर दो तीन मिनिस्ट्रियल कर्मियों के द्वारा ही किया गया जो कि परिस्थितियों के देखते हुए जोखिम भरा कार्य था। ऐसे में उन्हें प्रोत्साहन राशि से उन्हे वंचित रखा जाना, ऐसे मिनिस्ट्रीयल क्रमियों का मनोबल कमजोर किया जाना निराशा पूर्ण है।
मिनिस्ट्रियल संघ के महामंत्री केशव गैरोला ने कहा कि, कोविड-19 से महामारी में राजकीय सेवाओं के दायित्वों के निर्वहन के दौरान संक्रमित होने से मृत्यु हुई है। जो कि उनकी निष्ठा पूर्वक सेवा दिए जाने का पुष्ट प्रमाण है, किंतु मृत हुए कर्मचारियों के आश्रितों को शासन अथवा सरकार के द्वारा उनके उत्तराधिकारियों को कोई आर्थिक सहायता अतिरिक्त नहीं दी गई है। इन सब को देखते हुए मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों को भी प्रोत्साहन राशि दी जानी आवश्यक है।