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राजकीय महाविद्यालय नरेंद्रनगर के छात्र दस दिवसीय शैक्षिक भ्रमण पर जाएंगे कर्नाटक

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धर्मानन्द राजकीय महाविद्यालय में- “एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब” का गठन

  • धर्मानन्द उनियाल कालेज में “एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब” का गठन
  • 50 छात्र-छात्राएं जायेंगे दस दिवसीय शैक्षिक भ्रमण पर कर्नाटक  
  • अतर्राज्यीय रीति-रिवाज, सांस्कृतिक तथा सामाजिक परिवेश समझने का सुनहरा मौका 
  • भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा उच्च शिक्षा छात्रों के लिए योजना

नई टिहरी * गढ़ निनाद समाचार * 10 दिसंबर 

नरेंद्रनगर। एक भारत श्रेष्ठ भारत शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम के प्रथम चरण के तहत आज धर्मानन्द राजकीय महाविद्यालय में “एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब” का गठन किया गया। क्लब सदस्य में विभिन्न संकायों से 50 छात्र-छात्राओं का चयन किया गया है। चयनित छात्र-छात्राएं दस दिवसीय कर्नाटक भ्रमण पर जायेंगे। इस दौरान छात्रों को विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं को समझने का मौका मिलेगा।   

भारत सरकार के  मानव संसाधन विकास मंत्रालय से आच्छादित इस शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम के अंतर्गत संबंध मैट्रिक्स के अनुसार महाविद्यालय के छात्रों को दस दिवसीय कर्नाटक भ्रमण का अवसर मिलेगा।


उल्लेखनीय है कि विविधताओं से भरपूर भारत-वर्ष की परंपराओं, रीति रिवाजों, सांस्कृतिक तथा सामाजिक सरोकारों को जानने और समझने क लिए भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उच्च शिक्षा में अध्ययनरत छात्रों के लिए यह महत्वाकांक्षी योजना संचालित की है। इसके लिए महाविद्यालय द्वारा एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब के संयोजक मण्डल का गठन भी किया गया है। जिसके दिशा निर्देशन के अनुसार प्रस्तावित शैक्षिक भ्रमण की प्रमुख गतिविधियों की तैयारी शुरू कर दी है। संयोजक मण्डल ने छात्रों के व्यावहारिक ज्ञान, सामाजिक समझ, सांस्कृतिक अभिरूचि तथा उत्तराखण्ड एवं कर्नाटक राज्य का परिचयात्मक ज्ञान आदि मानदण्डों के आधार पर क्लब सदस्य के रूप में छात्रों का चयन किया।


इस अवसर पर कालेज प्राचार्या प्रो0 जानकी पंवार ने सभी युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब के लिए चयनित छात्रों को विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के बीच अंतर सामंजस्य स्थापित करने के साथ साथ अंतर संस्कृतियों को समझने का एक सुनहरा मौका मिला जिसका प्रतिक्षण उन्हें उपयोगी बनाना होगा। 

क्लब के संयोजक डाॅ0 संजय सिंह महर ने क्लब गठन पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि गिरी पर्वतों के इस पिछड़े क्षेत्र के युवाओं को देश के भौगोलिक तथा सांस्कृतिक सरोकारों से रू-ब-रू होने का भारत सरकार ने एक सुनहरा मौका दिया है। इससे एक ओर जहां सांस्कृतिक व्यापकता के दृष्टिकोण से नई पीढी़ को विभिन्न प्रांतों के व्यंजनों, संगीत, नृत्य, रंगमंच, चलचित्र, हस्तशिल्प, साहित्य, त्योहार, मूर्तिकला तथा स्थापत्य कला को जानने समझने का मौका मिलेगा वहीं सामाजिक शोध तथा एक्शन रिसर्च के नए मार्ग प्रशस्त होंगे।

इस अवसर पर महाविद्यालय के डाॅ0 अनिल नैथानी, डाॅ0 यू0 सी0 मैठाणी, डाॅ0 सपना कश्यप, डाॅ0 चंदा नौटियाल, डाॅ0 ईरा सिंह, डाॅ0 शैलजा रावत, डाॅ0 पारूल मिश्रा, डाॅ0 सुधा रानी, डाॅ0 हिमांशु जोशी, डाॅ0 संजय कुमार, डाॅ0 विक्रम सिंह वर्तवाल, डाॅ0 सोनी तिलारा, डाॅ0 मनोज सुंद्रियाल, डाॅ0 चेतन भट्ट, डाॅ0 पूजा रानी, श्रीमती मीनाक्षी काला, मुनेंद्र कुमार, विशाल त्यागी, अजय आदि शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे।

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