आज देश को गांधी वादी नहीं सुभाषचंद्र बोस के विचारों पर चलने की जरूरत — नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज
नृसिंह वाटिका आश्रम रायवाला हरिद्वार के परमाध्यक्ष नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज नें देश की मोदी सरकार द्वारा सुभाष चंद्र बोस की जन्मतिथि को पराक्रम दिवस के रूप में मनाए जाने की परम्परा का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक अच्छा कदम है।
सुभाष चंद्र बोस डिप्लोमेट होने के साथ-साथ उनके अंदर देश प्रेम की भावना झलकती है, जो हमारे देश के युवाओं को बहुत प्रेरणा देती है। सुभाष चंद्र बोस की विचारधारा और महात्मा गांधी जी की विचारधारा में जमीन आसमान का अंतर है। लेकिन, जैसे ही जुबां पर उनका नाम आता है शरीर जोश से प्रफुल्लित हो उठता है। आज भारत को महात्मा गांधी नहीं सुभाषचंद्र बोस की विचारधारा की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बेहतरीन योगदान रहा है। जिन्होंने भारत देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी। जिनकी वजह से ही युवा भारत की आजादी के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित हुए। उनका नारा ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ युवाओं में एक नईं तरंग पैदा करता है।
वर्चुअल प्रवचन करते हुए संत रसिक महाराज ने बताया कि नेताजी को भुलाया नहीं जा सकता। सुभाष चंद्र बोस के जीवन से सभी वर्गों को बहुत प्रेरणा मिलती है। क्योंकि उन्होंने अपना लक्ष्य नहीं छोड़ा। आज हमारे देश के युवा जब कभी आपस में बैठकर कभी कुछ बड़ा करने की सोचते हैं तो युवा अपने अंदर सुभाष चंद्र बोस को देखते हैं। क्योंकि, उन्होंने जिस दिशा में कदम बढ़ाए उसे फतेह किया। हर युवा के दिल में उनके प्रति सम्मान है। देश के लिए जो उन्होंने किया उसे भुलाया नहीं जा सकता है।