twin tower: 300 करोड़ #09 सेकंड# जमींदोज
नवीन सुयाल-
हम उस समाज के लोग हैं
जहां इमारतें बनाने के लिए धरना प्रदर्शन
और इमारतें नेस्तनाबूद करने पर
तालियां बजाई जाती हैं।
हम उस मीडिया के दौर में जी रहे हैं
जिसमें जरूरतमंदों और शोषित वर्ग की
खबरें नहीं दिखती
दिखता है मदारी के खेल सा
तबाही का मंजर।
हम उस राजनीति में जन्में लोग हैं
जहां घर घर शौचालय और प्रधानमंत्री आवास योजना
वर्षों वर्ष जमीन पर नहीं उतरती
पर करोड़ों की इमारत
सेकेंडों में जमींदोज होती है।
हम उस प्रशासन में जन्मे लोग हैं
जहां पुलिस की बंदूकें लाठियों सा काम करती हैं
पर अपने ही घर के अंदर तबाही के लिए
हजारों किलो बारूद खर्च किया जाता है।
हम उस न्यायिक व्यवस्था की छत्रछाया में हैं
जिसमे दोषी इंसान
35 साल जेल में रहने के बाद
दोषमुक्त साबित होता है
पर इमारतों पर फैसला
रातों रात लिया जाता है।