श्रीमद्भागवत गीता में संपूर्ण ज्ञान एवं विज्ञान समाहित है : डॉ घिल्डियाल
ऋषिकेश दिसम्बर। विश्व का संपूर्ण ज्ञान एवं विज्ञान वेदों उपनिषदों पुराणों का संपूर्ण निष्कर्ष ज्ञान श्रीमद्भागवत गीता में समाहित है, इसलिए विद्यार्थी यदि गीता के एक श्लोक का भी अनुकरण कर दे तो उनका जीवन सफल हो जाएगा।
उपरोक्त विचार सहायक शिक्षा निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने व्यक्त किए। वह आज संस्कृत भारती उत्तराखंड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय गीता दिवस पर आयोजित छात्र प्रतियोगिताओं का पुरस्कार वितरण के साथ समापन कर रहे थे।
सरस्वती विद्या मंदिर आवास विकास ऋषिकेश में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम के दूसरे दिवस पुरस्कार वितरण समारोह का मुख्य अतिथि के रूप में दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ एवं पुरस्कार वितरण के साथ समापन करते हुए सहायक निदेशक ने कहा कि गीता के एक श्लोक का अनुकरण भी यदि विद्यार्थी कर लेते हैं तो निश्चित रूप से उनका जीवन सफल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्व का संपूर्ण ज्ञान एवं विज्ञान तथा वेदों पुराणों उपनिषदों का सार गीता में निहित है, इसलिए वह संपूर्ण मानव समाज का युगों युगों तक मार्गदर्शन करती रहेगी।
विजेता टीमों को पुरस्कार वितरित करते हुए डॉ घिल्डियाल ने विश्वास जताया कि आगामी वर्षों में इस प्रकार की प्रतियोगिताएं प्रत्येक विद्यालय में आयोजित की जाएंगी उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए संस्कृत भारती के जिला अध्यक्ष पंडित योगेश्वर प्रसाद ध्यानी एवं कार्यक्रम के संयोजक विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य राजेंद्र प्रसाद पांडे को सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
इससे पूर्व कार्यक्रम में पहुंचने पर मुख्य अतिथि का पंडित योगेश्वर प्रसाद ध्यानी एवं प्रधानाचार्य आर पी पांडे सहित उपस्थित लोगों ने फूल मालाओं गीता की पुस्तक एवं शॉल भेंट कर स्वागत किया , बच्चों ने कई नाटक एवं श्लोक प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर निर्णायक के रूप में संगीत शिक्षिका गीता राय , भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता डॉ संजय ध्यानी, कविता ध्यानी, मंजू बडोला, प्राचार्य गिरीश पांडे, ज्योतिषाचार्य यज्ञ दत्त शर्मा सहित शहर के शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों के विद्यार्थी एवं शिक्षक बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
सहायक निदेशक ने कार्यक्रम में पहुंचने से पूर्व राजकीय प्राथमिक विद्यालय वीरभद्र, विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, एवं श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज का औचक निरीक्षण भी किया।