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श्री पंकज अग्रवाल, सचिव, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार ने 1320 मेगावाट के खुर्जा एसटीपीपी के निर्माण कार्य में हो रही प्रगति के लिए टीएचडीसी की सराहना की

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ऋषिकेश, 18 फरवरी 2024। श्री पंकज अग्रवाल (आईएएस), सचिव, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार ने विद्युत मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों श्री प्रवीण गुप्ता, सदस्य (थर्मल), सीईए और श्री पीयूष सिंह, संयुक्त सचिव (थर्मल) की टीम के साथ इस वर्ष कमीशन होने वाली 1320 मेगावाट की निर्माणाधीन खुर्जा उच्च ताप विद्युत परियोजना की प्रगति की समीक्षा हेतु निरीक्षण दौरा किया।

श्री आर. के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसीआईएल ने विद्युत मंत्रालय के सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का टीएचडीसीआईएल के पहले ताप विद्युत संयंत्र के दौरे पर हार्दिक स्वागत किया। टीएचडीसी के निदेशक (तकनीकी), श्री भूपेंद्र गुप्ता एवं टीएचडीसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी प्रतिनिधियों का हार्दिक स्वागत किया।

आगामी बॉयलर लाइट अप और यूनिट # 1 के सिंक्रोनाइजेशन को देखते हुए, परियोजना के विभिन्न घटकों अर्थात कोल हैंडलिंग सिस्टम, बॉयलर, ईएसपी, टीजी, चिमनी आदि की प्रगति का गहन दौरा और समीक्षा की गई। दौरे के दौरान श्री अग्रवाल ने नियंत्रण कक्ष से कंडेनसेट एक्सट्रैक्शन पंप (सीईपी) का उद्घाटन किया। उन्होंने पूरी परियोजना टीम को प्रेरित किया और विशेष समीक्षा करते हुए विभिन्न पैकेजों और आगामी लक्ष्यों की समय सीमा की प्रगति का विस्तृत मूल्यांकन किया। श्री भूपेंद्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) ने टीजी बैरिंग गियर, सहायक बॉयलर कमीशनिंग आदि जैसे विभिन्न लक्ष्यों के सफल निष्पादन के बारे में टीम के सदस्यों को अवगत कराया और मई 2024 तक परियोजना की पहली यूनिट (660 मेगावाट) को समय पर कमीशन करने की अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

श्री पंकज अग्रवाल, सचिव (विद्युत) ने केएसटीपीपी की टीम को संबोधित किया और विद्युत उत्पादन में तीव्र वृद्धि की राष्ट्र की दृढ़ प्रतिबद्धता के आलोक में उत्तर भारत, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश राज्य के ऊर्जा परिदृश्य पर परियोजना के विद्युत प्रभाव पर प्रकाश डाला।

श्री आर. के. विश्नोई,  अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसीआईएल ने माननीय सचिव का उनके बहुमूल्य मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। श्री विश्नोई ने इस बात पर प्रकाश डाला कि टीएचडीसीआईएल की अपनी समर्पित टीम को रणनीतिक भागीदारों और प्रतिबद्ध हितधारकों का पूर्ण समर्थन प्राप्त है, जो ऊर्जा उद्योग में पर्याप्त प्रगति करने के लिए तैयार है। प्रगति की साझा दृष्टि के साथ, टीएचडीसीआईएल देश की ऊर्जा सुरक्षा और समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए अपनी विशेषज्ञता और संसाधनों का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।

स्थलीय निरीक्षण दौरे का समापन प्रतिनिधियों द्वारा वृक्षारोपण अभियान चलाकर किया गया। पूरे कार्यक्रम के दौरान टीएचडीसीआईएल, एनटीपीसी, बीएचईएल, एलएमबी थिसेनक्रुप आदि के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

टीएचडीसीआईएल एक प्रमुख पीएसयू है, जिसे हाइड्रो, सौर, पवन और थर्मल ऊर्जा स्रोतों के दोहन में विशेषज्ञता प्राप्त है। टीएचडीसीआईएल की वर्तमान संस्थापित क्षमता 1587 मेगावाट हैं, जिसमें उत्तराखण्ड में टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट), गुजरात के पाटन में 50 मेगावाट, द्वारका में 63 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं, उत्तर प्रदेश के झांसी में  24 मेगावाट की ढुकवां लघु जल विद्युत परियोजना एवं केरल के कासरगोड  में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना की सफलतापूर्वक कमीशनिंग को इसका श्रेय जाता है। यह भी उल्लेखनीय है कि टीएचडीसीआईएल की मध्य प्रदेश के सिंगरौली में अमेलिया कोयला खदान प्रचालनात्मक हैं।


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