राष्ट्रीय सेवा योजना का मूलमंत्र है सेवा ही धर्म -मोहन प्रसाद जोशी

ज्योतिर्मठ 26 मार्च, 2025 । स्थानीय गुरुद्वारा परिसर में चल रहे राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जोशीमठ की राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों का विशेष शिविर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों और समाज सेवा के संकल्प के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है ।
महाविद्यालय के उत्साही स्वयंसेवकों द्वारा इन सात दिनों में जहाँ पर्यावरण जागरूकता अभियान, स्वच्छता अभियान, पोस्टर और निबंध प्रतियोगिता, मतदान जागरूकता और सामुदायिक स्वास्थ्य पर नुक्कड़ नाटक जैसे कार्यक्रमों के द्वारा समाज में युवाओं की सेवा भावना को रेखांकित किया वहीं अपराह्न के बौद्धिक सत्रों में अलग अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों के द्वारा नशा मुक्ति, ग्लोबल वार्मिंग, प्राथमिक स्वास्थ्य, मतदान जागरुकता, कैरियर गाइडेंस और कौशल विकास के उपयोगी और महत्वपूर्ण सबक सीखे।
समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए विकास खंड अधिकारी ज्योतिर्मठ मोहन प्रसाद जोशी ने कहा कि सेवा ही जीवन का परम धर्म है और विशेष शिविर में सीखे गए सबकों को युवाओं को व्यापक समाज तक ले जाना चाहिए और अपनी प्रतिभा को केवल परिवार तक सीमित न करते हुए समाज निर्माण तक पहुंचाना चाहिए।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. धीरेन्द्र सिंह ने शिविर के दौरान हासिल उपलब्धियों की आख्या प्रस्तुत करते हुए अपने अनुभव को यादगार बताया। उन्होंने गुरुद्वारा प्रबंधक सरदार सेवा सिंह सहित सभी के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
विशिष्ट अतिथि गुरुद्वारा प्रबंधक और चर्चित समाज सेवी सरदार सेवा सिंह और सरदार मोनू सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का अनुभव जीवन निर्माण और देश और समाज को समझने की सबसे बडी प्रयोगशाला होती है । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय जोशीमठ की प्राचार्य प्रोफेसर प्रीति कुमारी ने कहा कि देशभक्ति, एकता और अखंडता और समाज सेवा की प्रेरणा शिविर से मिलती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शिविरार्थी का जीवन के लिए स्पष्ट दिशा और पैशन होना चाहिए।
डॉ. चरणसिंह केदारखंडी के संचालन में निष्पादित इस समारोह में डॉ. रणजीत सिंह मर्तोलिया, डॉ. उदय सिंह रावत, डॉ. राजेन्द्र सिंह राणा, डॉ. नेपाल सिंह, डॉ. राहुल मिश्रा, रणजीत सिंह राणा, जगदीश लाल, शिव सिंह, नन्दी सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे ।