रुद्राक्ष में समाहित है अपार योग शक्ति: प्रो. एम. एस रावत

रुद्राक्ष में समाहित है अपार योग शक्ति: प्रो. एम. एस रावत
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ऋषिकेश। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के योग विज्ञान विभाग में आज “योगारम्भ एवं रुद्राक्ष दीक्षा समारोह” का भव्य आयोजन हुआ। इस आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों में योग साधना के प्रति आंतरिक निष्ठा, अनुशासन तथा आध्यात्मिक जागरण की भावना का संचार करना था।

कार्यक्रम का शुभारम्भ वैदिक मंत्रोच्चारण एवं परिसर निदेशक प्रो. एम एस रावत जी के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। अपने उदबोधन में उन्होंने कहा कि रुद्राक्ष में अपार योग ऊर्जा समाहित है।” अतः विधि पूर्वक योगारम्भ में रुद्राक्ष धारण करना हितकारी है।योग समन्वयक प्रो. वी. के गुप्ता ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि – “योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि आत्मा के जागरण की प्रक्रिया है। रुद्राक्ष धारण का तात्पर्य है शिव चेतना से जुड़ना और साधना को अपने जीवन का केंद्र बनाना। प्रो. सी. एस नेगी इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

इस अवसर पर विद्यार्थियों को परिसर निदेशक प्रो. रावत सर द्वारा रुद्राक्ष की दीक्षा एवं आध्यात्मिक संकल्प दिलाया गया। उन्होंने गुरु परम्परा के सूत्रों को याद करते हुए यह संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में योग के सिद्धांतों का पालन करेंगे और समाज में स्वास्थ्य, शांति एवं सद्भाव का संदेश फैलाएँगे।

कार्यक्रम में योग विभागाध्यक्ष डा. जयप्रकाश कंसवाल ने “योगारम्भ” के अंतर्गत विद्यार्थियों को आगामी सत्र की साधना रूपरेखा, ध्यान अभ्यास, प्रातःकालीन अनुशासन तथा विश्वविद्यालय योग परियोजनाओं से परिचित कराया गया।

कार्यक्रम में योग प्राध्यापिकायें डा. चंद्रेश्वरी नेगी, डा. वीना रयाल डा. हिमानी नौटियाल की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिनके कुशल संचालन से यह सफल कार्यक्रम आयोजित हुआ । सभी अतिथियों ने विद्यार्थियों को उनके योग जीवन की मंगलकामनाएँ दीं और विश्वविद्यालय के इस प्रयास की सराहना की।

अंत में सभी ने मिलकर “ॐ नमः शिवाय” के सामूहिक जप से शिव ऊर्जा का आह्वान किया। पूरे परिसर में दिव्यता, अनुशासन और साधना का अद्भुत वातावरण व्याप्त रहा।


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Govind Pundir

*** संक्षिप्त परिचय / बायोडाटा *** नाम: गोविन्द सिंह पुण्डीर संपादक: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल टिहरी। उत्तराखंड शासन से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार। पत्रकारिता अनुभव: सन 1978 से सतत सक्रिय पत्रकारिता। विशेषता: जनसमस्याओं, सामाजिक सरोकारों, संस्कृति एवं विकास संबंधी मुद्दों पर गहन लेखन और रिपोर्टिंग। योगदान: चार दशकों से अधिक समय से प्रिंट व सोशल मीडिया में निरंतर लेखन एवं संपादन वर्तमान कार्य: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल के माध्यम से डिजिटल पत्रकारिता को नई दिशा प्रदान करना।

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