अपराधउत्तराखंडविविध न्यूज़

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इस अस्पताल पर की निलंबन की कार्रवाई, फर्जी पैथोलॉजी रिपोर्ट का है आरोप

Please click to share News

खबर को सुनें

देहरादून। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने एक अस्पताल पर दूसरे व्यक्ति के नाम पर तीन करोड़ रूपए से अधिक के फर्जी बिल प्रस्तुत करने के मामले में निलंबन की कार्यवाही की है। जांच-पड़ताल के बाद राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने यह कड़ा कदम उठाया है।

बता दें कि 2019 से अब तक प्राधिकरण द्वारा लगभग 22 अस्पतालों पर कार्रवाई की जा चुकी है। जिसमें उनसे पेनल्टी के रूप में 2 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि वसूली जा चुकी है।

आयुष्मान योजना का संचालन कर रहे राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से जहां बेहतर कार्य करने वाले अस्पतालों को समय-समय पर प्रोत्साहित किया जाता है वहीं किसी तरह की लापरवाही या अनियमितताएं करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई भी की जाती है। 

हाल में आई शिकायतों व जांच-पड़ताल के बाद फर्जी पैथोलाजी रिपोर्ट के आधार पर क्लेम प्राप्त करने पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने काशीपुर स्थित आयुष्मान स्पेशिलिटी हास्पिटल की सूचीबद्धता निलंबित कर दी है। हालांकि निलंबन के मानकों के अनुरूप नोटिस के पांच दिन के भीतर संबंधित अस्पताल अपना पक्ष रख सकते हैं। 

दरअसल, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना व राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना में सूचीबद्ध आयुष्मान स्पेशिलिटी हास्पिटल ने 1324 मामलों में तीन करोड़ 42 लाख पचास हजार 908 रुपये का क्लेम प्रस्तुत किया। इनमें डा. योगेश स्वामी की पैथोलाजी रिपोर्ट नाम, हस्ताक्षर व अस्पताल की मोहर के साथ दी गई

प्राधिकरण की जांच-पड़ताल में पाया गया कि डा. योगेश ना अस्पताल में कार्यरत हैैं और न अन्य कोई संबंध है। उन्होंने अपने नाम का गलत उपयोग करने व फर्जी हस्ताक्षर की पुष्टि लिखित रूप में की है। जिस पर प्राधिकरण ने माना है कि यह एक गंभीर आपराधिक कृत्य है। प्राधिकरण प्रशासन ने माना है कि अस्पताल ने प्राधिकरण के साथ धोखाधड़ी की है। 

इस मामले में संबंधित अस्पताल से रिकवरी की प्रक्रिया की जा रही है। जाहिर तौर पर एस.एच.ए. के इस निर्णय से किसी तरह की भी लापरवाही या अनियमिताएं करने वालों को सबक मिलेगा। 


Please click to share News

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!