अपने आर्दशों सहित ससम्मानित ढंग से सेवानिवृत्त हुए कुलपति डा0 ध्यानी
टिहरी गढ़वाल 30 नवम्बर। श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विष्वविद्यालय के कुलपति डा0 पी0 पी0 ध्यानी अपने 03 वर्ष के कार्यकाल के पूर्ण होने पर, अपने आर्दशों सहित बहुत ही सम्मानित ढंग से सेवानिवृत्त हो गये हैं।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा आयोजित बिदाई समारोह में डा0 ध्यानी ने कहा कि यद्यपि उनका कार्यकाल श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय में चुनौतीयों को अवसर में बदलने का रहा है जिस कारण विश्वविद्यालय की प्रशासनिक, वित्तीय, परीक्षा व मान्यता प्रणाली में अभूतपूर्ण सुधार हुआ। उन्होने कहा कि आज विष्वविद्यालय की छवि में भी गुणात्मक सुधार हुआ है और इसकी नीवं मजबूत हुई है। डा0 ध्यानी ने कहा कि उन्होने, कभी भी और किसी भी हालत में अनैतिक, नियम विरूद्ध व दवाब में कोई कार्य नही किया है, उन्होने केवल विश्वविद्यालय के अधिनियम, परिनियम व शासनादेशों के अनुसार ही अपने निर्धारित दायित्वों का निर्वहन किया है। अत; आज उन्हे अपने जीवन में किये गये सभी कार्यो पर प्रसन्नता है और उन्हे कोई भी पछतावा नही है। वह आज पूर्ण रूपेण आत्म सन्तुष्ट हैं, और वह आत्मीय खुषी के साथ सेवा निवृत्त हो रहे हैं।
डा0 ध्यानी ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए उनसे अपील की कि वे बेहद ईमानदारी, पारदर्शिता, कर्तव्यनिष्ठा और समर्पित भाव से विश्वविद्यालय हित में कार्य करें ताकि विश्वविद्यालय की छवि में निरन्तर सुधार होता रहे और विश्वविद्यालय उत्कृष्ट बन सके।
यदि डा0 पी0 पी0 ध्यानी के सम्पूर्ण 37 वर्षो के सेवाकाल का रिकार्ड देखा जाय तो यह स्पष्ट होता है कि वह एक प्रख्यात वैज्ञानिक व षिक्षाविद हैं, विलक्षण विभूति हैं, वेहद ईमानदार, निर्भय व सख्त अधिकारी रहे हैं और उन्होने उत्तराखण्ड राज्य व केन्द्र सरकार में कई आर्दष उदाहरण प्रस्तुत किये हैं। उनकी विष्व विख्यात छवि है और वह कई राष्ट्रीय व अर्न्तराष्ट्रीय पुरस्कारों से कई मंचों पर सम्मानित भी हुए हैं। डा0 ध्यानी कई शैक्षणिक व वैज्ञानिक अकादमियों के फेलो से भी चयनित हुए हैं और उन्होने राज्य/केन्द्र सरकार की कई उच्च स्तरीय समितियों में चैयरमैन/सदस्य के रूप में भी प्रतिभागया है। डा0 ध्यानी की एक विषिष्टता है कि वह जो कहते हैं, सामने कहते हैं और करते हैं व लिखते भी हैं, और हर मंच पर अपनी बात को तथ्यों व साक्ष्यों के साथ वेबाकी से रखते हैं।
एक विलक्षण विभूति हैं डा0 ध्यानी
• बेहद ईमानदार, कर्मठ और निर्भय
• बेहद कर्तव्यनिष्ठ और अनुशासन प्रिय
• प्रख्यात शिक्षाविद और वैज्ञानिक, प्रकाशित किये 305 वैज्ञानिक प्रकाशन (23 किताबों सहित)
• वृहद अनुभवी – विष्व के सभी महाद्वीपों में स्थित 20 देशों में राज्य/भारत सरकार का प्रतिनिधित्व और 311 राष्ट्रीय व अर्न्तराष्ट्रीय सम्मेलनों/बैठकों में प्रतिभाग
• 37 वर्षो की 2 राज्यों व केन्द्र सरकार में बेहत्तरीन सेवा का टै्रक रिकार्ड (प्राध्यापक, वैज्ञानिक, निदेषक व कुलपति के रूप में) बेहद कठोर प्रशासक रहे हैं डा0 ध्यानी।
• विश्वविद्यालय में अनुशासनहीन अधिकारियों व कर्मचारियों पर की सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही, किसी को नही बख्शा
• अनधिकृत अधिकारियों से करवाई पूर्व में प्राप्त पारिश्रमिक धनराशि की वसूली
• अमर्यादित कृत्यों के कारण एक पूर्व कुलसचिव पर कार्य परिषद में पास करवाया ’निन्दा प्रस्ताव’
• अमर्यादित एंव अनुशासनहीन कृत्यां के कारण एक सहायक परीक्षा नियंत्रक पर संसूचित हुई परिनिन्दा
• अमर्यादित कृत्य करने पर सम्बद्धता प्राप्त महाविद्यालयों/संस्थानों पर की निर्णयात्मक कार्यवाही
• परीक्षाओं में नकलचियों पर कसी कड़ी नकेल और परीक्षा केन्द्रों को किया निरस्त
डा0 ध्यानी ने विश्वविद्यालय में प्रस्तुत किये आर्दष उदाहरण
• पहले कुलपति, जिन्होने श्री गुरू राम राय विश्वविद्यालय की स्थापना के 2 साल के अन्तर्गत दिलवाई यू0जी0सी0 की मान्यता
• पहले कुलपति, जिन्होने पारदर्शिता हेतु ’आनलाईन सम्बद्धता प्रणाली’ की करवायी शुरूआत
• पहले कुलपति, जिन्होने श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय में 1 घण्टा अतिरिक्त कार्य करने की करवायी शुरूवात
• पहले कुलपति, जिन्होने परीक्षा के दौरान औचक निरीक्षण करने की प्रक्रिया की की स्वयं शुरूवात
• पहले कुलपति, जिन्होने कोविड 19 कार्यकाल में उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में लाइव आनलाइन परीक्षायें करवायी सम्पादित
• पहले कुलपति, जिन्होने कोविड 19 कार्यकाल में उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2021-22 को करवाया नियमित
• पहले कुलपति (पूरे देष में), जिन्होने राज्य सरकार के उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विष्वविद्यालय का कराया आर्मी डिजायन ब्यूरों के साथ समझौता
• पहले कुलपति, जिन्होने कर्मचारियों के वेतन आहरण न होने पर स्वंय अपना व अधिकारियों के वेतन आहरण पर लगायी रोक
• पहले कुलपति, जिन्होने ’जीरों बजट’ के तहत करवाया श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विष्वविद्यालय का दीक्षान्त समारोह
• पहले कुलपति, जिन्होने विष्वविद्यालय के अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ आयोजित की 37 बैठकें; अनुषासन मे रहने और ईमानदारी, पारदर्षिता व समर्पित भाव से कार्य करने हेतु किया सदैव प्रोत्साहित
• पहले कुलपति, जिन्होने सेवाकाल के 4 माह पहले ही कुलपति नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने हेतु राजभवन को कराया अवगत
डा0 ध्यानी ने केन्द्र सरकार में भी किये अति महत्वपूर्ण कार्य
• केन्द्र सरकार से सम्नवय कर उत्तराखण्ड राज्य में स्थित श्रेत्रीय संस्थान (गोविन्द बल्लभ पंत हिमालय पर्यावरण संस्थान) को कराया राष्ट्रीय संस्थान (गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान) के रूप में उच्चीकृत
• गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान में लागू करवायी ’ओल्ड पेंषन स्कीम’
• हिमालय के पर्यावरण संरक्षण एवं संम्बर्धन हेतु बनाये 05 पालिसी डाक्यूमेन्ट्स
• संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित ’काप 2016 (मोरक्को) एवं काप -22 (मैक्सिको) में किया भारत सरकार का प्रतिनिधित्व
कई राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय पुरूस्कारों व प्रषंसा पत्रो से भी सम्मानित हैं डा0 ध्यानी
• लीडिंग साईन्टिस्ट आफ द वर्ल्ड, 2009
• टाप 100 साइन्ट्रिस्ट आफ द वर्ल्ड, 2009
• भारत ऐक्सिलेंस अवार्ड, 2010
• गोल्ड मेडल फार इंडिया, 2012
• सचिव, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार का प्रषंसा पत्र, 2015
• उत्तराखण्ड रत्न, 2019
• वैस्ट वाईस चान्सलर आफ द इयर अवार्ड, 2019
• मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सम्मान पत्र, 2019
• राज्यपाल उत्तराखण्ड प्रषंसा पत्र, 2021
• मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सम्मान पत्र, 2022
• वैस्ट वाईस चान्सलर आफ द हिमालय रीजन अवार्ड, 2022
अपनी सेवानिवृत्ति के अवसर पर, डा0 ध्यानी ने पूर्व राज्यपाल उत्तराखण्ड श्रीमती बेबीरानी मौर्य; अपने पूज्य गुरूजी पद्मश्री प्रो0 ए0एन0 पुरोहित; अपने पथ प्रदर्शक प्रो0 एस0 पी0 सिंह; अपने शुभ चिंतक महन्त दरबार साहिब श्री देवेन्द्र दास जी महाराज, भूतपूर्व चुनाव अयुक्त व सचिव भारत सरकार श्री अशोक लवासा, भूतपूर्व सचिव भारत सरकार श्री अजय नारायण झा, भूतपूर्व सचिव भारत सरकार श्री हेम पांडे, भूतपूर्व चैयरमैन यूजीसी व षिक्षा सलाहकार मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेष प्रो0 डी0 पी0 सिंह; और, राज्यपाल उत्तराखण्ड ले0ज0 गुरमीत सिंह का विषेषरूप से आभार व्यक्त किया क्योंकि उनसे प्रेरित होकर ही वह जीवन में हर चुनौती को अवसर में बदल पाये और अपना कुछ योगदान दे पाये।
विदाई समारोह के अवसर पर विष्वविद्यालय के कुलसचिव खेमराज भट्ट, परीक्षा नियंत्रक डा0 वी0 पी0 श्रीवास्तव, सहायक कुलसचिव देवेन्द्र रावत व हेमराज सिंह चौहान, सहायक परीक्षा नियंत्रक डा0 हेमन्त कुमार व डा0 बी0एल0 आर्य, प्रशासन व मान्यता प्रभारी सुनील नौटियाल, प्र0 निजी सचिव कुलदीप सिंह नेगी, ऋषिकेश परिसर के प्राचार्य प्रो0 एम0एस0 रावत, प्रो0 ए0पी0 सिंह, प्रो0 दिनेश गोस्वामी, प्रो0 वाई0के0 शर्मा और विश्वविद्यालय के कर्मचारीगण आदि उपस्थित रहे।