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डॉ0 निशंक ने किया नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले 2020 का उदघाटन

डॉ0 निशंक ने किया नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले 2020 का उदघाटन
The Union Minister for Human Resource Development, Dr. Ramesh Pokhriyal ‘Nishank’ at the Inauguration of the New Delhi World Book Fair, at Pragati Maidan, in New Delhi on January 04, 2020.
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गढ़ निनाद समाचार * नई दिल्ली 4 जनवरी 2020

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ’निशंक’ ने आज नई दिल्ली के प्रगति मैदान में नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2020 का उदघाटन किया। इस अवसर पर प्रख्यात गाँधीवादी विद्वान गिरीश्वर मिश्र, नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो. गोविंद प्रसाद शर्मा, मानव संसाधन विकास  मंत्रालय के संयुक्त सचिव मदन मोहन, भारतीय व्यापार संवर्धन संस्थान के कार्यकारी निदेशक श्री राजेश अग्रवाल और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर डॉ. निशंक ने कहा कि हम पुस्तकों के सागर के बीच में हैं और पुस्तकों का यह महाकुंभ विचारों से भरा हुआ है, वे विचार जो मानवता को शक्ति प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक मेला एक ऐसी जगह है, जहाँ लोग एक-दूसरे से मिलते हैं और नए विचारों को उत्पन्न करने के साथ-साथ उन्हें साझा करते हैं। 

इस वर्ष के मेले के विषय ‘गांधी: लेखकों के लेखक’ पर मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब हमें उनकी सबसे अधिक आवश्यकता है। हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं। दुनिया आज आतंकवाद सहित कई चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया, राष्ट्र, समाज और सभी व्यक्तियों को गांधी के बारे में उनकी दृष्टि तथा शांति और अहिंसा के दर्शन की आवश्यकता है। 

प्रसिद्ध गाँधीवादी विद्वान गिरीश्वर मिश्र ने महात्मा गांधी के जीवन और शिक्षाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी मैन ऑफ सेंचुरी थे। उन्होंने गीता, कुरान और बाइबिल सहित अनेक पुस्तकों के व्यापक अध्ययन के कारण सत्य, शांति और अहिंसा का मार्ग दिखाया।

इस वर्ष विश्व पुस्तक मेला 2020 का मूल विषय ‘गांधीः लेखकों के लेखक’ है। महात्मा गांधी एक सफल लेखक, संपादक और प्रकाशक थे। उन्होंने गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में लिखा। इस वर्ष की थीम में पुस्तक प्रेमियों को इस बात की झलक दिखाने का प्रयास किया गया है कि महात्मा गांधी ने, जो कि एक महान रणनीतिक सम्प्रेक्षक भी थे, कैसे लेखकों को पीढ़ियों तक प्रभावित व प्रेरित किया। मेले में गांधी द्वारा और विभिन्न भारतीय भाषाओं में 100 प्रकाशकों की 500 पुस्तकों की एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है।


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