स्वामी रामतीर्थ महाराज के निर्वाण दिवस पर चम्बा में सादगी पूर्वक श्रद्धांजलि सभा: वेदांत के वैश्विक संदेश को याद किया गया

टिहरी गढ़वाल । भारत की वैदांत परंपरा को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित करने वाले परमहंस स्वामी रामतीर्थ महाराज के निर्वाण दिवस पर चम्बा में सादगी के साथ श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई।
स्वामी रामतीर्थ फाउंडेशन टिहरी द्वारा एलसीएम स्कूल परिसर, बादशाहीथॉल में आयोजित विचार गोष्ठी में समाज के विविध प्रतिनिधियों ने उनके जीवन, योगदान और विचारों को याद किया।
कार्यक्रम में विधायक किशोर उपाध्याय ने कहा कि स्वामी रामतीर्थ ने टिहरी की पवित्र भूमि पर ज्ञान अर्जित कर भारतीय संस्कृति और वेदांत को विदेशों तक पहुंचाया। उनके प्रयासों से वेदांत दर्शन को दुनिया भर में श्रेष्ठता और सम्मान प्राप्त हुआ।
अनि अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी रामकिशोर दास के प्रतिनिधि स्वामी परमहंसाचार्य ने कहा कि स्वामी रामतीर्थ के प्रेरक व्याख्यानों से पश्चिमी देशों में भारत के प्रति सम्मान और वेदांत दर्शन के प्रति आस्था बढ़ी। उन्होंने विश्वास जताया कि स्वामीजी का निर्वाण दिवस राष्ट्र और समाज के कल्याण के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा।
इस मौके पर हर्षमणि बहुगुणा और अनुसूया प्रसाद उनियाल सहित वक्ताओं ने कहा कि स्वामी रामतीर्थ के विचार आज भी प्रासंगिक हैं तथा वैश्विक शांति, प्रेम और एकता के संदेश को आगे बढ़ाते हैं। वे न केवल संत, बल्कि एक दूरदर्शी विचारक, व्यवहारिक वेदांत के प्रचारक, कवि और विश्व प्रेम के दूत थे।
फाउंडेशन अध्यक्ष विनोद चमोली, विद्यालय प्रबंधक मनीष बहुगुणा, सचिव अनिल असवाल और अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। इस अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 10 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित कर उनकी उपलब्धियों को सराहा गया।