कोरोना संकट में कारगर साबित हो रहा है मछ्ली पालन
मछलियां बेच कमाए पांच लाख
रमेश रावत, गढ़ निनाद न्यूज़ * 07 जून, 2020
चमोली: कोरोना संकट के बीच जिले में मछली पालन आर्थिकी को मजबूत करने में बेहद कारगर साबित हो रहा है। जनपद चमोली के मत्स्य पालकों ने लाॅकडाउन के दौरान मछलियां को बेचकर 5 लाख तक की आय अर्जित की है। जिला मत्स्य प्रभारी जगदम्बा कुमार ने बताया कि जिले में गैरसैंण के आनन्द सिंह ने लगभग एक लाख, देवभूमि मत्स्य जीवी सहकारी समिति ल्वाणी ने 70 हजार, सतेन्द्र सिह गोदीगिवाला ने 60 हजार, बैरांगना के दिलबर लाल ने 40 हजार, बैरांगना के विरेन्द्र राणा ने 50 हजार तथा बैरांगना के ही मुकेश कुमार ने 20 हजार की मछलियां बेची जा चुकी है।
7 लाख ट्राउट मत्स्य बीज आवंटन
मत्स्य विभाग ने हाल ही में राज्य के ट्राउट मत्स्य पालकों को मत्स्य प्रक्षेत्र बैरांगना से 7 लाख ट्राउट मत्स्य बीज का आवंटन किया है। इसमें से 2.50 लाख मत्स्य बीज जनपद चमोली के मत्स्य पालकों में वितरित हुआ है। पिछले वित्तीय वर्ष मत्स्य विभाग द्वारा लगभग 100 तालाब एवं ट्राउट रेसवेज का निमार्ण करवाया गया। जिसमें 2.50 लाख ट्राउट मत्स्य बीज एवं 2 लाख कार्प मत्स्य बीज संचय किए जा चुके है। अभी भी मत्स्य बीज संचय की प्रक्रिया जारी है। जनपद में अवस्थित दोंनो मत्स्य प्रक्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में मत्स्य बीज किसानों को वितरण के लिए उपलब्ध है। कोई भी किसान जिले में मत्स्य विभाग से संपर्क कर मत्स्य बीज ले सकते है।
कोरोना संकट: मछली पालन आर्थिकी को मजबूत करने में बेहद कारगर साबित हो रहा है। चमोली के मत्स्य पालकों ने 5 लाख की आय अर्जित की है। pic.twitter.com/xPOzeMvIoX
— Green Voice India (@GreenVoiceIndia) June 7, 2020
मछली पालन की हैं भरपूर संभावनाएं
जिले में कोरोना संकट के चलते गांव लौटे प्रवासी नवयुवक मछली पालन व्यवसाय को अपनाकर स्वरोजगार कर सकते है। मत्स्य विभाग के माध्यम से जिला योजना, राज्य योजना, केन्द्र पोषित योजना के तहत बहुत ही आकर्षक एवं लाभकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। इच्छुक किसानों को मछली पालन के लिए तालाब और रेसवेज बनाने में भी मदद दी जा रही है।
योजना को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की कवायद तेज
जिले में मत्स्य पालन की भरपूर संभावनाओं को देखते हुए जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया एवं मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने मत्स्य विभाग को अधिक से अधिक लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुॅचाने के निर्देश दिए है। कहा कि इसके लिए फंड की कमी नही होने दी जाएगी। मत्स्य विभाग द्वारा इच्छुक किसानों को योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। वर्तमान में मत्स्य विभाग के माध्यम से जनपद के सूराईथोटा, वाण, माईथान जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में भी तालाब, रेसवेज बनाकर मत्स्य पालन के इच्छुक काश्तकारों को बढावा दिया जा रहा है। भविष्य में मत्स्य विभाग के माध्यम से जिले में एग्लिंग, फिश आउटलेट, वैल्यू एडिसन एवं रंगीन मछलियों (एक्वेंरियम फिश) जैसे कार्यो का वृहत स्तर पर करवाकर अधिकाधिक रोजगार सृजन करने का लक्ष्य है।