किशोर उपाध्याय ने सरकार पर पंचायतों को संकट में डालने का लगाया आरोप
गढ़ निनाद न्यूज़, नई टिहरी 11 मई 2020।
वनाधिकार आन्दोलन के प्रणेता व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने मुख्यमन्त्री और सरकार पर कोरोना की महामारी में ग्राम पंचायतों को संकट में डालने का आरोप लगाया है और कहा है कि ग्राम प्रधानों पर ज़िम्मेदारी तो डाल दी गयी, लेकिन उन्हें संसाधन उपलब्ध नहीं किये गये हैं।
उपाध्याय ने E-Mail से पूर्व में 5 मई को भी सरकार को आगाह किया था। उन्होंने मुख्यमंत्री जी को जो पत्र प्रेषित किया था वह इस प्रकार है-
“आदरणीय मुख्यमंत्री जी,
कृपया मेरे 5 मई, 2020 के पत्र का संज्ञान लेने का कष्ट करें, जिसमें मैंने आपको आगाह किया था कि प्रदेश के बाहर से आने वाले उत्तराखंडियों के देख-रेख (क्वॉरंटीन) की ज़िम्मेदारी आपने सम्बन्धित ग्राम सभाओं के सम्मानित प्रधानों को सौंपी है।
वे सहर्ष इस जिम्मेदारीपूर्ण कार्य को कर भी रहे हैं, अभी तो काफ़ी कम लोग आये हैं, लेकिन धीरे-धीरे आने वालों की संख्या बढ़ रही है। मैंने आपसे आग्रह किया था कि इन ग्राम प्रधानों को कम से कम रू.एक लाख आपको इस कार्य की व्यवस्था के लिये निर्गत करना चाहिये। आपके राहत कोष में इस निमित अच्छा-ख़ासा पैसा आ भी गया है। अभी तक एक भी पैसा ग्राम प्रधानों को निर्गत नहीं हुआ है।
आज भी मैंने प्रदेश के हर कोने के लगभग 36 प्रधानों से बात की है।अब जगह-जगह झगड़े होने शुरू हो गये हैं। एक-आध दिन तो रहने-खाने की व्यवस्था लोग कर लेंगे, लेकिन इतनी लम्बी अवधि तक कैसे व्यवस्था होगी।कई जगह तो महिलायें भी आ रही हैं और उनके लिये अलग से व्यवस्था लाज़मी है।
मुझे विश्वास है इस व्यावहारिक कठिनाई को समझते हुये आप ग्राम सभाओं को अविलम्ब कम से कम रू. 1लाख की धनराशि निर्गत करेंगे, जिससे प्रभावी तरीक़े से •कोरोना• की रोकथाम हो सके और वह गाँवों तक न पहुँचे।उत्तरकाशी की घटना से आप अवगत हैं।
सादर।”
आपका,
किशोर उपाध्याय
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
व प्रणेता वनाधिकार आन्दोलन