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ICFRE देहरादून और हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर ने किए MoU पर हस्ताक्षर

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गढ़ निनाद समाचार*14 दिसम्बर 2020

देहरादून। भारतीय वन अनुसंधान और शिक्षा परिषद (ICFRE) देहरादून और हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आज 14 दिसंबर को एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।  ICFRE, देश भर में स्थित अपने संस्थानों और केंद्रों के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर वानिकी अनुसंधान, विस्तार, शिक्षा का मार्गदर्शन, प्रचार और समन्वय कर रहा है। वर्तमान में ICFRE विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन, वन उत्पादकता, जैव विविधता और कौशल विकास के क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के समकालीन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

वानिकी अनुसंधान, वैज्ञानिकों के आदान-प्रदान, प्रौद्योगिकीविदों, अनुसंधान विद्वान, पीजी छात्रों और सहयोगी अनुसंधान परियोजनाओं के कार्यान्वयन के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्यों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

इस सहयोग के माध्यम से, ICFRE और HNBGU अपनी वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञता को साझा करके एक दूसरे के पूरक होंगे। इससे तकनीकी अंतराल की पहचान करने, वन आधारित प्रौद्योगिकियों के विस्तार और हितधारकों को सूचना के प्रसार के लिए संसाधनों के आदान-प्रदान में मदद मिलेगी। इससे आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने और वन आधारित समुदायों की आय में वृद्धि करने में भी मदद मिलेगी।

एमओयू से दोनों संगठनों के लिए शिक्षा, अनुसंधान और विकास में तालमेल प्रदान करने की उम्मीद है और अंततः बेहतर आर्थिक और पारिस्थितिक सुरक्षा को बढ़ावा देने का लक्ष्य होगा।

इस अवसर पर सभी उप निदेशक जनरलों, निदेशक (अंतर्राष्ट्रीय सहयोग), सहायक निदेशक जनरलों, डीन (अकादमिक), एफआरआई डीम्ड को विश्वविद्यालय और आईसीएफआरई, देहरादून के वैज्ञानिकों और एचएपीपीआरसी के निदेशक, डीन ऑफ एग्रील द्वारा सम्मानित किया गया। 


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Govind Pundir

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