बड़ी ख़बर: प्रधानमंत्री ने सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा रद्द करने का लिया फैसला
बच्चों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता-मोदी
नई दिल्ली, 1 जून 2021।गढ़ निनाद ब्यूरो। आज मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक में सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया गया है। उक्त बैठक में सीबीएसई के चेयरमैन और शिक्षा मंत्रालय के दोनों सचिव मौजूद रहे ।
सभी राज्यों और अन्य हितधारकों के साथ गहन चर्चा के बाद पीएम मोदी को सभी संभावित विकल्पों के बारे में बताया गया। जिसके बाद परीक्षाएं रद्द करने का फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि यह फैसला बच्चों के हित में लिया गया है, छात्रों का स्वास्थ्य सबसे पहले है और बच्चों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता भी है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच परीक्षाएं कराने और सितंबर में परिणाम घोषित करने का प्रस्ताव रखा है। बोर्ड ने दो विकल्प भी प्रस्तावित किये हैं। इनमें एक में 19 प्रमुख विषयों के लिए अधिसूचित केंद्रों पर नियमित परीक्षाएं कराना या छात्रों के अध्ययन वाले स्कूलों में ही अल्पावधि की परीक्षाएं कराने के विकल्प हैं।
सीबीएसई (CBSE) 12 वीं बोर्ड की परीक्षा कराए जाने को लेकर राज्यों की अलग-अलग राय है। दिल्ली समेत कई राज्यों का कहना है कि टीकाकरण के बाद ही परीक्षा कराई जाए। महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री ने रविवार की बैठक के बाद कहा था कि राज्य अब भी बिना परीक्षा कराए मूल्यांकन करने के विचार के पक्ष में है। पंजाब सरकार ने भी दूसरा विकल्प चुना है। हालांकि उसने दोहराया कि परीक्षा से पहले विद्यार्थियों को कोविड टीका लगवाया जाना चाहिए।
बता दें कि शिक्षा मंत्रालय ने 14 अप्रैल को, कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा को रद्द करने और कक्षा 12 की परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की थी। एक मई को बोर्ड ने अपने संबद्ध स्कूलों में कक्षा 10 के छात्रों के लिए एक विशेष मार्किंग स्कीम की घोषणा की थी।
वहीं केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा केवल प्रमुख विषयों के लिए आयोजित करने का विकल्प रखा था।
12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए 174 सब्जेक्ट का ऑप्शन होता है, जिनमें से लगभग 20 विषयों को CBSE द्वारा प्रमुख माना जाता है।
इनमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान, इतिहास, राजनीति विज्ञान, व्यवसाय अध्ययन, लेखा, भूगोल, अर्थशास्त्र और अंग्रेजी शामिल हैं। सीबीएसई का कोई छात्र न्यूनतम पांच और अधिकतम छह विषय ले सकता है। इनमें से आमतौर पर चार प्रमुख विषय होते हैं।
केंद्र ने राज्यों को स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर अपना फैसला खुद लेने को कहा था। हालांकि केंद्र ने बैठक के दौरान दो विकल्प दिए थे, पहले विकल्प में कहा कि कुछ कक्षा 12 की प्रमुख विषयों की परीक्षा आयोजित की जाए और बाकी विषयों के नंबर प्रमुख विषयों के नंबर के आधार पर दिए जाएं।
दूसरा यह कि स्कूलों में परीक्षा आयोजित करना और परीक्षा पैटर्न को ऐसे में बदलना जिसमें केवल ऑब्जेक्टिव प्रश्न हों और तीन के बजाय सिर्फ डेढ़ घंटे का पेपर हो।
बता दें कि आज केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को भी इस बैठक में रहना था मगर उनका स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह एम्स में भर्ती हैं।