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बिग ब्रेकिंग- तीरथ सिंह रावत होंगे नये मुख्यमंत्री

बिग ब्रेकिंग- तीरथ सिंह रावत होंगे नये मुख्यमंत्री
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गढ़ निनाद समाचार। मोदी है तो मुमकिन है ऐसे ही नही कहा जाता। उत्तराखंड के मामले में यह बात फिट बैठती है। बड़े ही योग्य, सौम्य और जमीन से जुड़े गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत अब उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बनाये गये हैं। वे आज नये।मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने जा रहे हैं। केंद्रीय आला कमान ने तीरथ सिंह रावत के नाम पर मुहर लगाई थी केवल खाना पूर्ति के लिए देहरादून में भाजपा विधानमंडल दल की बैठक हुई। बैठक के बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने प्रेसवार्ता कर जानकारी दी। मजेदार बात यह है कि स्वंय त्रिवेंद्र रावत को ही उनके नाम का प्रस्ताव करना पड़ा। एक दौर था कि जब त्रिवेंद्र रावत और तीरथ सिंह में 36 का आंकड़ा था। मजेदार बात यह है कि तीरथ सिंह रेस में कहीं भी नहीं दिखे थे।

तीरथ सिंह ने कहा कि मैंने कभी कल्पना तक नहीं की थी में कभी मुख्यमंत्री बनूंगा। मुझे जो जिम्मेदारी मिली है उसे बखूबी निभाउंगा। कहा कि त्रिवेंद्र जी ने प्रदेश के लिए काफी काम किए हैं।

मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद केंद्रीय पर्यवेक्षक रमन सिंह समेत तमाम बड़े नेताओं ने तीरथ सिंह रावत को बधाई एवम शुभकामनाएं दीं ।

पको बता दें कि कल राज्यपाल को इस्तीफा देने के बाद त्रिवेंद्र रावत ने मीडिया से कहा था कि मैं लंबे समय से आरएसएस व संगठन में रहा। उसी का प्रतिफल था कि पार्टी ने उन्हें उत्तराखंड राज्य का मुख्यमंत्री बनाकर सेवा करने का मौका दिया। कहा कि वह एक छोटे से गांव का रहने वाला एक फ़ौजी परिवार से हैं जहां आज भी 7-8 परिवार रहते हैं ऐसे व्यक्ति को प्रदेश का मुख्यमंत्री बना कर जो सम्मान दिया, मैं सोच भी नहीं सकता। 

पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि राज्य में जब सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था तो उन्हें अचानक क्यों हटाना पड़ा। जवाब में त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि भाजपा में सामूहिक विचार के बाद फैसले होते हैं। हटाया क्यों गया,अगर बजह आपको जाननी है तो इसके लिए आपको दिल्ली जाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति को और सुदृढ़ बनाने के लिए उन्हें पद छोड़ना पड़ा है। 4 मिनट के संक्षिप्त भाषण में श्री  रावत तल्ख  एवं असहज  दिखे।

आज की मुख्य झलकियां—–भाजपा राज्य मुख्यालय पर सुबह से ही गहमागहमी रही । सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। पर्यवेक्षक दस बजे से पहले ही पार्टी मुख्यालय पहुंच गए थे। 10:00 बजे विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए धीरे-धीरे विधायक , सांसद और कुछ निर्दलीय विधायक आने लगे थे। सभी मीडिया से सवालों का जवाब देने से बचते रहे। सवाल यही कि कौन मुख्यमंत्री होगा ? विधायकों से होगा या सांसदों से? सारे सवालों का जवाब डिप्लोमेटिक तरीके से ही दिया जाता रहा। सब का कहना था कि हाईकमान जो तय करेगा सबको मान्य होगा। हमारे हित में होगा। पार्टी के कुछ विधायकों ने यह जरूर कहा कि सब कुछ आलाकमान ने तय कर दिया है लेकिन विधायक दल की बैठक में हम लोग इस पर चर्चा करेंगे और अपनी मुहर लगाएंगे । सांसद अजय भट्ट ने कहा कि हमारी पार्टी में जिसको भी जिम्मेदारी दी जाती है वह बखूबी निभाता है। डीएम के प्रबल दावेदार केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने 10.50 बजे थम्पसअप दिखाते हुए दमदार एंट्री की।


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Govind Pundir

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