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यूसर्क की नई उपलब्धि: यूसर्क देहरादून एवं एम्स ऋषिकेश के मध्य एम.ओ.यू.

यूसर्क की नई उपलब्धि: यूसर्क देहरादून एवं एम्स ऋषिकेश के मध्य एम.ओ.यू.
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देहरादून 9 मई । उत्तराखण्ड राज्य के सूचना प्रोद्योगिकी, सुराज एवं विज्ञान प्रोद्योगिकी विभाग, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत कार्यरत संस्था उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क), देहरादून द्वारा प्रदेश भर में विज्ञान शिक्षा अनुसंधान एवं उसके अनुप्रयागों से आमजन को लाभान्वित करने के लिये विभिन्न वैज्ञानिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

प्रदेश के विद्यालयी एवं उच्च शिक्षा में अध्यनरत छात्र-छात्राओं, शोधार्थियों तथा अध्यापकों को विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे विकास से परिचित कराने हेतु प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर स्थित राष्ट्रीय एव अन्तर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोगात्मक रूप से उक्त संस्थानों में साप्ताहिक हैण्डस-ऑन-ट्रेनिंग, एक्सपोजर विजिट, इंस्टिट्यूशनल विजिट, ट्रेनिंग, कार्यशालाओं आदि का आयोजन किया जा रहा है। उक्त समस्त वैज्ञानिक कार्यों के सुगमतापूर्वक संचालन हेतु कुछ महत्वपूर्ण संस्थानों के साथ यूसर्क द्वारा MoU किये गये है अथवा किये जा रहे है। इसी क्रम में यूसर्क देहरादून एवं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश (एम्स) के मध्य उत्तराखण्ड राज्य के छात्र-छात्राओं एवं अध्यापकों को विज्ञान शिक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार के साथ ही वैज्ञानिक अभिवृत्ति के विकास तथा स्वास्थ्य विज्ञान संबंधी शिक्षा एवम शोध को बढ़ावा देने व छात्र छात्राओं को experiential Learning, हैण्डस-ऑन-ट्रेनिंग, एक्सपोजर विजिट, फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम के साथ ही एम्स जैसे संस्थान में एक्सपोजर प्रदान करने हेतु ‘मेमोरेंडम ऑफ अण्डरस्टैंडिंग’ पर दिनांक 09 मई 2024 को एम्स, ऋषिकेश में हस्ताक्षर किये गये।
उक्त समझौते पर उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) की ओर से यूसर्क निदेशक प्रो. (डॉ.) अनीता रावत तथा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश (एम्स) की ओर से निदेशक प्रो० मीनू सिंह ने हस्ताक्षर किये। उक्त समझौते के आधार पर दोनों संस्थान मिलकर उत्तराखण्ड जैसे भौगोलिक रूप से विशिष्ट राज्य के छात्र-छात्राओं को विज्ञान शिक्षा तथा वैज्ञानिक अनुसंधानों को स्तरीय बनाने तथा इसके अनुप्रयोगों तथा लाभों को प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने हेतु मिलकर काम करेंगे। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की संस्था एम्स, ऋषिकेश के साथ यूसर्क के समझौते का लक्ष्य उत्तराखण्ड के छात्र-छात्राओं एवं अध्यापकों को बुनियादी विज्ञान (बेसिक साइंस) के अग्रणी एवं नवीन क्षेत्रों में हो रहे शोधों से परिचित कराना तथा उन्हें लाभान्वित करना है, ताकि उत्तराखण्ड प्रदेश में भी बौद्विक रूप से जीवंत शैक्षणिक वातावरण तैयार किया जा सके।
इस समझौते का मूल उद्देश्य इस समझौते के माध्यम से यूसर्क द्वारा प्रदेश भर के विद्यार्थियों हेतु एम्स में विभिन्न शैक्षिक एवम वैज्ञानिक गतिविधियां संचालित करने में सुगमता होगी व शिक्षण, शैक्षिणिक उत्कृष्टता तथा नवीन अनुसंधानों के वैश्विक केन्द्र के रूप में उभरते संस्थानों से प्रदेश के युवाओं को परिचित करवाकर शोध हेतु प्रेरित करना है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश (एम्स) के निदेशक प्रो० मीनू सिंह ने एम्स, ऋषिकेश का उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) जैसी वास्तविक जमीनी स्तर पर कार्य करने वाली संस्था के साथ जुड़ना एक सुखद संयोग बताया। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी एम्स, ऋषिकेश में यूसर्क के माध्यम से अध्यापकों एवं छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता था, परन्तु अब समझौते के उपरान्त उत्तराखण्ड के छात्र-छात्राओं एवं अध्यापकों को एम्स, ऋषिकेश हैण्डस ऑन ट्रेनिंग प्रदान करना, मिलकर सहयोगात्मक रूप से अनुसंधान करना तथा विभिन्न आउटरीच कार्यक्रमों का आयोजन करना सहज हो जायेगा, जिसमें उत्तराखण्ड के आमजन को तो लाभ मिलेगा ही, लेकिन एम्स, ऋषिकेश भी अपने उद्देश्यों के अनुरूप अपने स्वास्थ्य शिक्षा के प्रसार का कार्य और अधिक प्रभावी रूप से कर पायेगा।
इस मौके पर यूसर्क के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ ओ पी नौटियाल, एम्स ऋषिकेश के विधि अधिकारी प्रदीप चंद्र पांडे व बायोकेमेस्ट्री विभाग की प्रोफेसर डॉ मनीषा नैथानी उपस्थित थे।


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Garhninad Desk

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